सैनिक स्कूल रीवा, मध्य प्रदेश के 33 सैनिक स्कूलों में से एक है। यह विद्यालय छात्रों को देश सेवा के लिए तैयार करने हेतु समर्पित है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको सैनिक स्कूल रीवा के इतिहास, शिक्षा, परिसर और छात्र जीवन के बारे में विस्तार से बताएंगे।
गौरवशाली इतिहास
भारत सरकार द्वारा सन 1962 में स्थापित, सैनिक स्कूल रीवा का परिसर रीवा रियासत के युवराज महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव की पूर्व संपत्ति, युवराज भवन में स्थित है। यह विद्यालय लगभग 950 पूर्व छात्रों को भारतीय सशस्त्र बलों में सफलतापूर्वक शामिल होने में सहायता कर चुका है, जो अपने आप में गर्व की बात है।
शिक्षा का मिशन
सैनिक स्कूल रीवा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध है और भारतीय पब्लिक स्कूल सम्मेलन (आईपीएससी) का सदस्य है। विद्यालय का उद्देश्य छात्रों को मजबूत शैक्षणिक आधार प्रदान करना, साथ ही साथ उन्हें अनुशासन, नेतृत्व कौशल और राष्ट्रीय भावना का पाठ पढ़ाना है।
अनुशासित छात्र जीवन
सैनिक स्कूल रीवा पूरी तरह से आवासीय विद्यालय है। छात्रों को हाउस मास्टर्स के मार्गदर्शन में छात्रावासों (सदनों) में रखा जाता है। ये सदन वरिष्ठ और कनिष्ठ में विभाजित हैं, जिनके नाम प्रसिद्ध पौराणिक पात्रों और मध्य प्रदेश के भौगोलिक महत्व वाली जगहों पर रखे गए हैं। छात्रावासों में अध्ययन कक्ष, मनोरंजन क्षेत्र और खेल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
समग्र विकास का वास
शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अलावा, सैनिक स्कूल रीवा छात्रों के सर्वांगीण विकास पर बल देता है। खेलकूद, घुड़सवारी, निशानेबाजी और अन्य शारीरिक गतिविधियों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे छात्रों में शारीरिक फुर्ती और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
सैनिक स्कूल रीवा में प्रवेश
सैनिक स्कूलों में प्रवेश अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) के माध्यम से होता है। आप https://sainikschoolsociety.in/ पर जाकर प्रवेश प्रक्रिया और पात्रता मानदंडों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सैनिक स्कूल रीवा वीरता और शिक्षा का एक अनूठा संगम है। यह उन छात्रों के लिए आदर्श स्थान है जो अनुशासित वातावरण में शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं और साथ ही साथ देश की सेवा करने का सपना देखते हैं।
